Aarti Shri Ramayan Ji Ki | आरती श्री रामायणजी की
रामायण की आरती, आरती श्री रामायणजी की भगवान राम की आरती है क्योंकि रामायाण भगवान राम की लीला कथाओं का संकलन है। आरती श्री रामायण
रामायण की आरती, आरती श्री रामायणजी की भगवान राम की आरती है क्योंकि रामायाण भगवान राम की लीला कथाओं का संकलन है। आरती श्री रामायण
श्री हनुमान जन्मोत्सव, मंगलवार व्रत, शनिवार पूजा, बूढ़े मंगलवार और अखंड रामायण के पाठ में प्रमुखता से गाये जाने वाली श्री हनुमान आरती है। हनुमान
आरती कीजे श्रीरामलला की । पूण निपुण धनुवेद कला की ।।धनुष वान कर सोहत नीके । शोभा कोटि मदन मद फीके ।।सुभग सिंहासन आप बिराजैं
श्री राम नवमी, विजय दशमी, सुंदरकांड, रामचरितमानस कथा, श्री हनुमान जन्मोत्सव और अखंड रामायण के पाठ में प्रमुखता से वाचन किया जाने वाली वंदना। ॥दोहा॥
शिव जी की पूजा में उनकी आरती से उनकी महिमा गाई जाती है। शिव शंकर को भोलेनाथ, त्रिलोकीनाथ, नीलकंठ, महादेव आदि नामों से भी पुकारा जाता हैं। मान्यताओं
या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना। या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा पूजिता सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा ॥ हिंदी में आरती जय सरस्वती माता,
भगवान विष्णु की अर्धांगिनी माता लक्ष्मी का आह्वान भक्तजन साप्ताहिक दिन शुक्रवार, वैभव लक्ष्मी व्रत तथा दीपावली में लक्ष्मी पूजन के दिन मुख्यतया अधिक करते हैं| महालक्ष्मी नमस्तुभ्यं, नमस्तुभ्यं सुरेश्वरि
भगवान श्री गणेश की पूजा अर्चना करने से सभी विघ्न-बाधाएं दूर हो जाती है। हिंदू धर्म में किसी भी शुभ काम को करने से पहले
हिंदी में आरती जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी,तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी। मांग सिंदूर विराजत, टीको मृगमद को,उज्ज्वल से दोउ नैना, चंद्रवदन